रेखा चित्र

कस्तूरभाई लालभाई रेखाचित्र संग्रह में 1800 चित्रों का संग्रह है। यह संग्रह कभी कलकत्ता में अबनिंद्रनाथ और गगनेंद्रनाथ टागोर परिवार का हिस्सा थे । इस तरह के रेखा चित्र 17वीं से 19वीं शताब्दी तक भारतीय लघु चित्रों के सबसे प्रमुख क्षेत्रीय स्कूलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पशु-पक्षी आदि प्राणिसमूह, देवी-देवताओं के चित्र, दरबार, नगर-परिचय, एवं धार्मिक ग्रंथों के सुशोभन इस प्रकार के चित्रों का प्रमुख विषय रहा है। तो प्रस्तुत संग्रह में पशुओं की खाल पर छिद्रित चित्र भी शामिल हैं – लघुचित्र का इस प्रकार चित्रों को बनाने और संरक्षित करने के लिए एवं पारंपरिक भारतीय लघु चित्रों की रचनात्मक प्रक्रिया को जानने का अवसर प्रदान करता है।